और क्यों वही कांधे बग़ावत पर उतारे आपने?
सुलगते सरोकार-----------मजबूर गाजियाबादी कल दिल्ली पुलिस और वकीलों के संघर्ष ने साबित कर दिया कि देश की सियासत जिस भीडतंत्र के कन्धे पर सवार हो कर सत्ता में आई थी वही तंत्रिका अब उसकी गर्दन भी नापने को तैयार हो चुकी है। देश के सत्तर सालों में यह पहली दुर्लभ घटना है। न्याय दिलाने वाले ही खुद न…